एक आर्मी ऑफिसर का मैसेज देश के कानून के नाम? - 3 Jackass

Breaking

Authors

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday 3 August 2017

एक आर्मी ऑफिसर का मैसेज देश के कानून के नाम?


बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था।

पुलिस वाले ने रोका, "हेलमेट कहाँ है?" उसने बोला, "भूल गया।"

पुलिस : क्या नाम है? काम क्या करते हो?

बाइक सवार: केहर सिंह नाम है और मैं एक फौजी हूँ।

पुलिस : अच्छा कोई बात नहीं, जाओ, आगे से हेलमेट पहन कर बाइक चलाना।

केहर : नहीं भाई, आप अपना काम करो। मैंने गलती की है, मेरा चालान काटो।

पुलिस : ठीक है, अगर ऐसी ही बात है , तो निकालो 100 रु और पर्ची लेकर जाओ।

केहर : नहीं, यहाँ नहीं भुगतना चालान। मैं अदालत में ही जाकर चालान भुगतुंगा।

----------------

अदालत में :

----------------

संतरी: केहर सिंह को बुलाओ।

जज: हांजी, मिस्टर केहर सिंह, आप 100 रु का चालान भर दीजिये।

केहर: नहीं जनाब, यह कोई तरीका नहीं हुआ। आपने मेरी "दलील" तो सुनी ही नहीं ?

जज: अच्छा बताओ, क्यों तुम्हें 100 रु का फाइन न किया जाए?

केहर: जनाब, 100 रु का फाइन थोड़ा कम है इसे आप 335 रु का कर दीजिए।

जज: क्यों? और 335 का ही क्यों?

केहर: क्योंकि मुझे 100 रु कम लगता है और 336 रु ज्यादा ही नाइन्साफ़ी हो जाएगी।

(वहाँ खड़ी भीड़ हंसती है)

 

 

 

जज: (काठ का हथौड़ा मेज पर मारते हुए) शांति, शांति बनाए रखिये।

.

केहर: जनाब एक और सलाह है, ये हथौड़ा 'काठ' की बजाए "स्टील" का होना चाहिए , आवाज ज्यादा होगी। एक और बात, यहाँ इस कमरे में भीड़ बहुत ज्यादा है। आप एक आर्डर पास कर दीजिए की कल से यहाँ ज्यादा से ज्यादा बस 127 लोग ही आएं।

.

जज: are you lost your mind Mr. Kehar Singh? आप यहाँ अदालत में जोक्स क्रैक कर रहे हैं। आप एक जज को सिखा रहे हैं कि अदालत कैसे चलानी है? कानून क्या होना चाहिए? फैसला क्या करना है? आपको पता भी है हम किस परिस्थिति में काम करते हैं? हमारे ऊपर कितना प्रेशर होता है? और....

.

केहर: जनाब! मैं एक फौजी हूँ। अभी कश्मीर में पोस्टेड हूँ। with all due respect , sir, आपको 'घण्टा' नहीं पता कि "प्रेशर" क्या होता है। आपका प्रेशर ज्यादा से ज्यादा आपको एक दो घंटे ओवरटाइम करवा देगा। हमारा प्रेशर हमारी और सैंकड़ो और लोगों की जान ले सकता है।

जनाब, माफ कीजिये मैंने आपको सलाह दी। जिस काम के लिए आपको ट्रेनिंग दी जाती है, जिस काम में आप माहिर हैं उस काम में मैंने आपको सलाह दी। परन्तु आप भी तो यही करते हैं हमारे साथ.....मसलन...बन्दुक को 90 डिग्री से नीचे कर के चलाओ, असली गन मत चलाओ, पेलेट गन चलाओ, बस घुटनों के नीचे निशाना लगाओ, प्लास्टिक की गौलियाँ इस्तेमाल करो, प्लास्टिक की गोली भी खोखली होनी चाहिए, उसका वजन xyz ग्राम से ज्यादा नो हो। ये क्या "बकचोदी" है , जज साब? क्या आप यहाँ ac रूम में बैठ कर हमें सिखाओगे कि हमें अपना काम कैसे करना है? जिस काम के लिए हम trained हैं, जिन situations का हमको firsthand experience है, आप हमें बताओगे कि उस situation में हमें कैसे react करना चाहिए?


(सन्नाटा)...😨


मेरी ऐक सोच :- क्या यही सच है ।

लेखक: - विकास तोमर

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Responsive Ads Here